Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi हनुमान चालीसा हिंदी लिरिक्स

Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi हनुमान चालीसा हिंदी लिरिक्स – इस पोस्ट में आपको सबसे बेस्ट तरीके से हनुमान चालीसा लिखी गयी है.

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हनुमान चालीसा का पाठ करने के पश्चात आप हनुमान चालीसा से संबंद्धित अन्य जानकारी यहाँ पढ़ सकतें हैं. जैसे की हनुमान चालीसा किसने लिखी है? हनुमान चालीसा के रचयिता कौन हैं? हनुमान चालीसा पाठ का क्या महत्व है? हनुमान चालीसा से क्या लाभ होता है? हनुमान चालीसा कैसे पढ़ें? आदि.

साथ ही इस पोस्ट में हनुमान चालीसा विडियो और ऑडियो भी दिया गया है.

तो श्रद्धा और भक्ति के साथ बोलिए जय बजरंगबली हनुमान, जय श्री राम.

Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi हनुमान चालीसा हिंदी लिरिक्स

Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

|| श्री हनुमान चालीसा ||

|| दोहा ||

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि |
बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ||

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन-कुमार |
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार ||

|| चौपाई ||

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥1॥
राम दूत अतुलित बलधामा, अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥2॥

महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुंचित केसा॥4॥

हाथ ब्रज और ध्वजा विराजे, काँधे मूँज जनेऊ साजै॥5॥
शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥

विद्यावान गुणी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर॥7॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया॥8॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रूप धरि लंक जरावा॥9॥
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचन्द्र के काज संवारे॥10॥

लाय सजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये॥11॥
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥12॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं, अस कहि श्री पति कंठ लगावैं॥13॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद, सारद सहित अहीसा॥14॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते, कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥15॥
तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा, राम मिलाय राजपद दीन्हा॥16॥

तुम्हरो मंत्र विभीषण माना, लंकेस्वर भए सब जग जाना॥17॥
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥18॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥19॥
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥20॥

राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥21॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना ॥22॥

आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हाँक ते काँपै॥23॥
भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै॥24॥

नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥25॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥26॥

सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा॥27॥
और मनोरथ जो कोइ लावै, सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥

चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥ 29॥
साधु सन्त के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे॥30॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता॥31॥
राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥

तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै॥33॥
अन्त काल रघुबर पुर जाई, जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥ 34॥

और देवता चित न धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥
संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥

जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरु देव की नाई॥37॥
जो सत बार पाठ कर कोई, छुटहि बँदि महा सुख होई॥38॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा॥ 39॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय मँह डेरा॥40॥

|| दोहा ||

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभुप॥

सियावर रामचंद्र की जय | पवनसुत हनुमान की जय

Hanuman Chalisa Meaning in Hindi श्री हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ के साथ

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Hanuman Chalisa in Hindi Lyrics
Shri Hanuman Chalisa Hindi Lyrics

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Hanuman Chalisa in Hindi Lyrics Audio Mp3

जय हनुमान चालीसा

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Hanuman Chalisa lyrics in Hindi
Shri Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

Audio source – Soundcloud

हनुमान चालीसा के रचयिता कौन है?

जय हनुमान

श्री हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास हैं. गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्री हनुमान चालीसा को अवधी भाषा में लिखी है.

हनुमान चालीसा में चालीस चौपाईयाँ हैं. साथ ही दो श्लोक हैं. हनुमान चालीसा के चालीस चौपाईयों में श्री हनुमान जी के गुणों और कार्यों का वर्णन किया गया है.

हनुमान चालीसा का महत्व ( Importance of Hanuman Chalisa)

Importance of Hanuman Chalisa
  • हनुमान चालीसा अत्यंत ही शक्तिशाली है.
  • इसमें श्री हनुमान जी के गुणों और कार्यों का वर्णन किया गया है.
  • साथ ही इसमें प्रभु श्री राम जी के गुणों का भी सुंदर वर्णन किया गया है.
  • हनुमान चालीसा अवधि भाषा में है.
  • इसके रचियता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं.
  • हनुमान चालीसा के श्लोकों और चौपाईयों को इस तरह से लिखा गया है की एक साधारण बालक को भी आसानी से स्मरण हो जाता है.
  • हनुमान चालीसा के पाठ करने से तुरंत ही इसका प्रभाव दिखने लगता है.
  • इसके श्रद्धा और बिस्वास के साथ पाठ से मनुष्य के आत्मबल में बृद्धि होती है.

हनुमान चालीसा पाठ से लाभ

  • हनुमान चालीसा के पाठ से मनुष्य को भय से मुक्ति मिलती है.
  • अगर किसी मनुष्य को अकारण भय लग रहा हो तो इसके पाठ करने से यह दूर हो जाता है.
  • हनुमान चालीसा के पाठ से आत्मबिस्वास में बृद्धि होने लगती है. और मनुष्य परिस्थितियों का सामना सम्पूर्ण बिस्वास के साथ करने लगता है.
  • सम्पूर्ण श्रद्धा और बिस्वास के साथ हनुमान चालीसा के पाठ से मनुष्य को रोगों और कष्टों से मुक्ति मिलती है.
  • हनुमान चालीसा के पाठ से नकारात्मक शक्तियों नष्ट होने लगतीं हैं.
  • इसके पाठ से सकारात्मक उर्जा प्रवाहित होने लगती है.
  • हनुमान चालीसा का पाठ एकाग्रता को बढ़ाता है.
  • हनुमान जी की परम कृपा की प्राप्ति के लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें.

हनुमान चालीसा की रचना से संबंद्धित कथा

श्री हनुमान चालीसा की रचना से संबंधित एक कथा प्रचलित है.

गोस्वामी तुलसीदास जी प्रभु श्री रामचंद्र और महावीर हनुमान के परम भक्त थे.

एक बार राजा अकबर ने गोस्वामी तुलसीदास जी को अपने यहाँ बुलाया और उनसे भगवान श्री राम जी से मिलवाने को कहा.

इस पर गोस्वामी तुलसीदास जी ने अकबर से कहा की प्रभु श्रीरामचंद जी सिर्फ अपने भक्तों को ही दर्शन देतें हैं.

इस बात पर अकबर ने गोस्वामी तुलसीदास जी को कारागार में डलवा दिया.

गोस्वामी तुलसीदास जी ने कारागार में ही अवधि भाषा में हनुमान चालीसा की रचना प्रारम्भ की.

जैसे ही उन्होंने हनुमान चालीसा की रचना को पूर्ण किया. वैसे ही बहुत से बंदरों ने पुरे फतेहपुर सिकरी को घेर लिए और पुरे शहर और महल पर धावा बोल दिया.

अकबर की सेना भी उन बंदरों का मुकाबला नहीं कर सकी और असहाय हो गयी.

तब अकबर के एक मंत्री ने अकबर को गोस्वामी तुलसीदास जी को कारागार से मुक्त करने का परामर्श दिया.

अकबर ने तुरंत ही गोस्वामी तुलसीदास जी को कारागार से मुक्त कर दिया.

जैसे ही गोस्वामी तुलसीदास जी कारागार से मुक्त हुए सभी बंदर वापस चले गए.

हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें?

आप सबको एक बात बता दें की अगर आप सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ श्र हनुमान चालीसा का पाठ कर रहें हैं तो आप कभी भी और कैसे भी कर सकतें हैं. अगर आप सम्पूर्ण हनुमान चालीसा का पाठ नहीं कर रहें हैं तो आप श्री हनुमान चालीसा की कोई भी चौपाई का पाठ कर सकतें हैं.

फिर भी हम कुछ बातें हनुमान चालीसा पाठ के संबंद्ध में निचे प्रकाशित कर रहें हैं.

  • हनुमान चालीसा के पाठ के लिए मंगलवार का दिन सबसे उत्तम होता है.
  • आप किसी भी दिन हनुमान चालीसा का पाठ कर सकतें हैं.
  • मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना गया है.
  • मंगलवार को हनुमान जी का वार माना गया है. इस कारण से मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ अवस्य करें.
  • महावीर जयंती, रामनवमी, हनुमान जयंती, नवरात्रि में हनुमान चालीसा का पाठ अवस्य करना चाहिए.
  • प्रातः काल और संध्याकाल का समय उत्तम माना गया है. परन्तु आप किसी भी समय हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे तो वह अवस्य ही शुभ फलदायक होगा.
  • हनुमान जी के मंदिर में जाकर भी आप हनुमान चालीसा का पाठ कर सकतें हैं.
  • घर में भी आप हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ कर सकतें हैं.
  • स्नान आदि करने के पश्चात सम्पूर्ण रूप से पवित्र होकर ही हनुमान चालीसा का पाठ करें.
  • हनुमान जी की विधिवत पूजा करने के पश्चात हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत ही शुभ होता है.
  • हनुमान चालीसा का पाठ आप 1, 5, 7, 9 या 108 बार कर सकतें हैं.

हनुमान चालीसा के पाठ से संबंद्धित एक प्रकाशन हम जल्द ही प्रकाशित करेंगे जिसमे हम हनुमान चालीसा के टोटकों के बारे में भी चर्चा करेंगे. आप इस इस्टे को बुकमार्क करके रख लें.

प्रकाशन के पश्चात हम उस पोस्ट का लिंक यहाँ दे देंगे. नहीं तो आप हनुमान | Hanuman केटेगरी को भी देख सकतें हैं.

हनुमान जी से संबंद्धित कुछ बातें

  • हनुमान जी महादेव शिव के ग्यारहवें रूद्र अवतार हैं.
  • जब भगवान श्री विष्णु ने रावण का अंत करने के लिए इस धरा पर प्रभु श्री राम जी के रूप में अवतार लिया तो महादेव शिव उनकी सहायता के लिए हनुमान रूप में रूद्र अवतार लियें.
  • हनुमान जी बुद्धि और बल के दाता हैं. उनके समान बुद्धिमान और बलवान कोई और नहीं है.
  • श्री हनुमान जी को अमरता का वरदान प्राप्त है. वे आज भी अपने सूक्ष्म रूप में इस धरा पर विचरण करते रहतें हैं.
  • हनुमान जी प्रभु श्री राम जी के परम भक्त हैं. उनके समान भक्त और कोई नहीं हो सकता है.
  • ऐसी मान्यता है की जहाँ जहाँ प्रभु श्री राम जी के नाम का स्मरण होता है वहां वे अवस्य ही पहुँचते हैं.
  • अगर कोई भक्त उन्हें सच्चे हृदय से हनुमान जी को पुकारता है तो वे अवस्य उसकी सहायता के लिए आतें हैं.

आज के इस पोस्ट में बस इतना ही. आप सब सम्पूर्ण भक्ति के साथ श्री हनुमान जी की आराधना करें. इस कलयुग में हनुमान जी से बड़ा सहारा मनुष्य के लिए और कोई नहीं है.

हनुमान चालीसा के रचयिता कौन हैं?

हनुमान चालीसा की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी.

हनुमान चालीसा में कितनी चौपाईयां है?

हनुमान चालीसा में 40 चौपाईयां हैं.

हनुमान चालीसा पाठ के लिए कौन सा दिन सबसे उत्तम होता है?

मंगलवार को हनुमान जी की आराधना का दिन माना गया है. इस कारण से मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ सबसे उत्तम होता है.
इसके अलावा हनुमान चालीसा का पाठ हनुमान जयंती, रामनवमी, नवरात्रि में अवस्य करें. यह सब दिन भी उत्तम होता है.
शनिवार को भी हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है.
वैसे आप रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ कर सकतें हैं.

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